Sunday 14 February 2010

प्यार की बयार

कुछ पल पहले
हर ओर थी मस्ती
हंसी, खुशी और उल्लास
खेल रहे थे बच्चे
खरीद रहे थे मिठाई
मम्मी-पापा, दादा-दादी
गर्व से देख रहे थे
अपने चमन के फूलों को
लेकिन...
अचानक बिजली सी कौंधी
धमाके से कान फट गए
और
टूट गए खिलौने
बिखर गए सपने
खून से रंग गई
गलियां और सड़क
बम विस्फोट ने लील ली खुशियां।

न जाने कब खत्म होगा
यह खूनी दहशतगर्दी का दौर
भगवान देगा सद्बुद्धि
अल्लाह बख्शेगा अक्ल
जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी तक
प्यार की निर्बाध बहेगी बयार।
(पुणे में आतंकी हमले के मृतकों की आत्मा को भगवान शांति दें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ।)

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