Saturday 20 February 2010

नारी की परिभाषा (मेरी नजर में)

  1. रोती और हंसती नारी पर हमेशा विश्वास करना धोखा खाना है।
  2. पुरुष को आलोचना के लिए नारी की आवश्यकता है।
  3. औरत और खरबूजे का चुनाव करना आसान नहीं है।
  4. नारी संसार रूपी वाटिका का सर्वोत्तम फूल है, जिसकी सुगंध और मनोहरता अतुलनीय है।
  5. नारी वह सुंदर फूल है जिसे झरने पानी पिलाते हैं, मेघ नहलाते हैं, चंद्रमा जिनका मुख चूमता है और ओस जिस पर गुलाब छिड़कती है।
  6. नारी प्रकृति की बेटी है, उस पर क्रोध न करो। उसका हृदय कोमल है, उस पर विश्वास करो।
  7. सुंदर नारी एक पूंजी है, भली नारी एक रत्न है और लाजवंती नारी एक खजाना।
  8. नारी के लिए सबकुछ संभव है, किन्तु अपनी इच्छे के खिलाफ प्रेम नहीं।
  9. नारी प्रेम को मुख से प्रकट नहीं करती, मात्र हाव-भावों से जतलाती है।
  10.  नारी के लिए मतृत्व ही उसकी पूर्णता है।
  • (कृपया माइंड न करें, विचार सबके अपने हो सकते हैं।)

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