नारी की परिभाषा (मेरी नजर में)
रोती और हंसती नारी पर हमेशा विश्वास करना धोखा खाना है।- पुरुष को आलोचना के लिए नारी की आवश्यकता है।
- औरत और खरबूजे का चुनाव करना आसान नहीं है।
- नारी संसार रूपी वाटिका का सर्वोत्तम फूल है, जिसकी सुगंध और मनोहरता अतुलनीय है।
- नारी वह सुंदर फूल है जिसे झरने पानी पिलाते हैं, मेघ नहलाते हैं, चंद्रमा जिनका मुख चूमता है और ओस जिस पर गुलाब छिड़कती है।
- नारी प्रकृति की बेटी है, उस पर क्रोध न करो। उसका हृदय कोमल है, उस पर विश्वास करो।
- सुंदर नारी एक पूंजी है, भली नारी एक रत्न है और लाजवंती नारी एक खजाना।
- नारी के लिए सबकुछ संभव है, किन्तु अपनी इच्छे के खिलाफ प्रेम नहीं।
- नारी प्रेम को मुख से प्रकट नहीं करती, मात्र हाव-भावों से जतलाती है।
- नारी के लिए मतृत्व ही उसकी पूर्णता है।
- (कृपया माइंड न करें, विचार सबके अपने हो सकते हैं।)
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