Thursday 18 February 2010

लीडर बनने का शार्टकट (व्यंग्य)

बुजुर्गों ने कहा है कि अगर किसी भी काम को सही तरीके से किया जाए और सच्ची लगन हो तो कामयाबी जरूर मिलती है। सभी जटिल कार्यों को करने के लिए कई प्रकार के नुस्खे भी प्रचलिता हैं ताकि काम सहजता से हो जाए।
हमारी कंपनी ने जनता की भारी मांग पर उन महत्वकांक्षी युवकों के लिए नया शार्टकट नस्खा ईजाद किया है जो आज की राजनीति के कुछ 'चमकते' सितारों को आदर्श बनाकर इस प्रतिष्ठिïत और कमाऊ धंधे में आने का मन बना चुके हैं। इस नुस्खे का प्रयोग करें, अल्लाह, भगवान और वाहेगुरु चाहेगा तो आपका नाम संसार में अवश्य चमकेगा। आपका नाम लीडरी के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। लीडर बनने का शार्टकट इस प्रकार से है :
सामग्री :
द्वेष की कलियां-तीन तोला।
न्याय के उपदेश : पांच तोला।
खुशामद का रस : ९० मिली लीटर।
बेशर्मी की जड़ : चार तोला।
रिश्वत का पानी : सौ मिली लीटर।
सहनशीलता की पत्तियां : छह तोला।
विधि :
सारी सामग्री को घमंडी लाल की दुकान से लाकर झूठ के खरल में डालकर बेदर्दी के डंडे से रगड़ते रहें जब तक यह पूरी तरह न पिस जाए, जैसे आज महंगाई की चक्की में गरीब पिस रहा है। उसके बाद अपने स्वार्थों के कड़ाहे में डालकर इसे चुगलखोरी के चूल्हे पर चढ़ाकर नफरत की आग में पकाएं। यह मिश्रण तब तक आंच पर रखें जब तक इसका रंग गिरगिट की तरह न हो जाए। फिर इसे गरीबों की आहों से ठंडा कर अपमान की प्याली में डालकर आंखें बंद करके गटक जाइये। बाद में रिश्वत की चाशनी में भिगोई हुई जलेबियां खाएं ताकि जुबान पर कड़वाहट न फैले और आप हंसमुख प्रसाद बने रहें।
मात्रा :
इसका सेवन प्रतिदिन तब तक करें जब तक जनता की अज्ञानता रूपी नींद न टूटे। ऐसा करने से आपका घर सभी सुविधाओं से पूर्ण होगा। देश-प्रेम और प्रेमभाव रूपी बीमारियां तथा व्याधियां दूर भागेंगी।
परहेज : 
इलाज से ज्यादा परहेज का महत्व होता है। परहेज से इलाज का दोगुना फायदा होता है। अत: वफादारी की कच्ची मिठाई, ईमानदारी की खटाई, सच की मिर्च और परोपकार वाले छूत के रोगियों से दूर रहना श्रेयस्कर है। अपने चारों ओर चमचों को पूरी तरह से मंडारने के लिए छोड़ दें ताकि कोई आपकी गुप्त रूप से सीडी बनाने की चाहकर भी हिमाकत न कर पाए। नहीं तो आपको हैवी डोज की जरूरत पड़ सकती है।
दवाई खुद बनाने के झंझट से बचने के लिए आप बना-बनाया नुस्खा भी नीचे लिखे पते पर एक दिन की दवाई के लिए ९९९.०९ रुपए के हिसाब से भेजकर मंगवा सकते हैं। वीपीपी भेजना हमारी मर्जी पर निर्भर करेगा।
पता रहेगा :
-हकीम रांझण लाल, रांझण वफाखाना, मकान नंबर-.०००, वादों वाली गली, हसीन मोहल्ला, बदमाशपुर (कब्रिस्तान)।

4 comments:

  1. अच्छा मनोरंजन हुआ निका राम जी।

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  2. bhut hi achch vyangy likha hai. Vadhai ho.

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  3. बढ़िया व्यंग्य है। आपने कब आजमाया और कैसा अनुभव रहा, इसका भी वर्णन कर दें।

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  4. adarniya badal ji, S. Raghav ji aur Shri Ranjan ji hausla badhane ke liye shukriya.
    Aasha hai jari rakhenge. Sujhavon ka intzaar rahega

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